CCC Course Study Material Part 1

CCC syllabus 203

हेलो दोस्तों जब ट्रिपल सी कोर्स करते हो तो आपके लिए सिलेबस (CCC Syllabus) बहुत महत्व होता है आज मैं इस पोस्ट में ट्रिपल सी का कंप्लीट हिंदी में सिलेबस दे रहा हूं

Module 1

परिचय (Introduction)

कम्‍प्‍यूटर क्‍या है


कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका उपयोग डेटा को प्रोसेस करने, संचालित करने और स्टोर करने के लिए किया जाता है। एक कंप्यूटर एक प्रोग्राम द्वारा निर्देशित कई तरीकों से सूचना को प्रोसेस कर सकता है। कंप्यूटर में संग्रहीत जानकारी को हार्ड ड्राइव, बाहरी ड्राइव, पेन ड्राइव आदि के रूप में संग्रहीत किया जा सकता है। इनपुट डिवाइस माउस, कीबोर्ड, स्कैनर, माइक्रोफोन, विभिन्न सेंसर आदि जैसे उपकरण हैं जो कंप्यूटर को डेटा और सूचना प्रदान करते हैं। कंप्यूटर का उपयोग आजकल हमारे जीवन के कई क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे वित्त, व्यापार, संचार, शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, सरकारी निकाय आदि।

कम्‍प्‍यूटर का इतिहास

कंप्यूटर का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई जब कुछ लोगों ने ऐसे उपकरण विकसित किए जो गणना पद्धति को समझते थे।

इन्हीं में से एक यंत्र है “अबैकस”, जिसका उपयोग गणनाओं के लिए किया जाता था। यह एक बुनियादी गणितीय उपकरण था, जिसका उपयोग लंबे समय तक किया जाता था।

कंप्यूटर का वास्तविक विकास 20वीं सदी में हुआ। 1930 के दशक में विज्ञान के कुछ क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी में प्रगति देखी गई जिसके कारण कंप्यूटर तक पहुंच बनाई गई।

1941 में, कंप्यूटर का पहला प्रोटोटाइप विकसित किया गया था, जिसे “कॉन्सेप्ट कंप्यूटर” नाम दिया गया था। 1943 में, “कोलोसस” नामक एक दूसरा कंप्यूटर बनाया गया था जो यूके सेंट्रल टेलीग्राफ कार्यालय के लिए नाजी नियंत्रण प्रणाली को अपनाने में सक्षम था।

1950 के दशक में, वैज्ञानिक जॉन वॉन न्यूमैन ने कंप्यूटर के डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया

More Details History

History of Computer

Computer History Link 2

कम्‍प्‍यूटर की विशेषताएं

वर्तमान युग में कम्प्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। कम्प्यूटर की विशेषताएँ ही इसे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती हैं। इस लेख में, हम कंप्यूटर की मुख्य विशेषताओं के साथ-साथ इसकी सीमाओं और अनुप्रयोगों के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त करेंगे।

कंप्यूटर की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

1. गति –
मनुष्य द्वारा किया जाने वाला कार्य कंप्यूटर कुछ ही सेकंड में कर सकता है। कंप्यूटर हर्ट्ज़ (Hz) में प्रोसेसर की गति को मापते हैं।

2. सटीकता –
कम्प्यूटर की गणना त्रुटि रहित होती है। कंप्यूटर को एक बार सही निर्देश दिए जाने के बाद, यह सभी सही परिणाम देता है। कंप्यूटर कभी गलती नहीं करता। कंप्यूटर से प्राप्त परिणामों में गलतियाँ मानवीय त्रुटियों के कारण, कंप्यूटर की खराबी या वायरस के कारण भी गलत परिणाम निकाल सकते हैं।

3. दक्षता (परिश्रम) –
कंप्यूटर काम करते हुए कभी थकता नहीं है और कई घंटों तक लगातार काम करने के बाद भी उसी एकाग्रता और गति से काम करता रहता है।

4. याद रखने की शक्ति –
कंप्यूटर में भी इंसानी दिमाग की तरह मेमोरी पावर होती है, जिसमें लाखों-करोड़ों डाटा स्टोर किया जा सकता है। इन आँकड़ों को किसी भी समय आवश्यकतानुसार पुन: देखा जा सकता है।

5. बहुमुखी प्रतिभा –
कम्प्यूटर की सहायता से अनेक प्रकार के कार्यों को सम्पन्न किया जा सकता है। आधुनिक कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के कार्यों को एक साथ करने की क्षमता होती है।

6. स्वचालित –
कम्प्यूटर में स्वचालन की गुणवत्ता होने के कारण इसके प्रयोग से मानव श्रम तथा समय की बचत होती है। वैसे तो कंप्यूटर को मानव द्वारा कार्य करने के लिए निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन एक बार आदेश दिए जाने के बाद यह बिना रुके काम कर सकता है।

7. भंडारण क्षमता –
कंप्यूटर की भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है। असीमित डेटा और सूचना को कंप्यूटर के बाहरी और आंतरिक स्टोरेज माध्यमों में संग्रहित किया जा सकता है। सूचना कम्प्यूटर में कम स्थान घेरती है, जिससे कम्प्यूटर की भण्डारण क्षमता विशाल एवं असीमित होती है।

8. दोहराव
कम्प्यूटर को आदेश देकर एक ही प्रकार के कार्य को समान विश्वसनीयता एवं गति से बार-बार किया जा सकता है।

कंप्यूटर की सीमाएं –
उपरोक्त बिन्दुओं के अनुसार हमने देखा है कि कम्प्यूटर में अनेक विशेषताएँ होती हैं। बहुत सी विशेषताएँ होने के बावजूद भी कंप्यूटर की कुछ सीमाएँ हैं, जो इस प्रकार हैं –
1. बुद्धिहीन –
कंप्यूटर में सोचने समझने की क्षमता नहीं होती है। यह केवल दिए गए दिशानिर्देशों के भीतर कार्य कर सकता है।

2. महँगा –
कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर काफी महंगे होते हैं और इन्हें समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार बदलना पड़ता है।

3. वायरस का खतरा –
कंप्यूटर वायरस से ग्रस्त हैं जो सूचना और निर्देशों को दूषित या नष्ट कर सकते हैं।

कंप्यूटर के अनुप्रयोग
कंप्यूटर की विशेषताएं और सीमाएं जानने के बाद अब देखते हैं कि यह हमारे जीवन में कहां-कहां उपयोग होता है और हमारे काम को आसान बनाता है।

कम्प्यूटर के निम्नलिखित अनुप्रयोग हैं-

1. डाटा प्रोसेसिंग –
बड़ी मात्रा में विशाल सांख्यिकीय डेटा से जानकारी उत्पन्न करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। इसका उपयोग जनगणना, सांख्यिकीय विश्लेषण, परीक्षाओं के परिणाम आदि में किया जा रहा है।

2. सूचनाओं का आदान-प्रदान –
भंडारण के विभिन्न तरीकों के विकास और कम जगह घेरने के कारण ये सूचनाओं के आदान-प्रदान का बेहतर साधन साबित हो रहे हैं।

3. वैज्ञानिक शोध –
विज्ञान के जटिल रहस्यों को सुलझाने में कम्प्यूटर की मदद ली जा रही है।

कम्प्यूटर में परिस्थितियों का समुचित आंकलन भी किया जाता है।
4. रेलवे और एयरलाइंस आरक्षण –
रेलवे और हवाई जहाज का टिकट किसी भी स्थान से दूसरे स्थान पर कम्प्यूटर द्वारा ले जाया जा सकता है और इसमें गलती की संभावना भी नगण्य है।

5. बैंकिंग –
कंप्यूटर की मदद से बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति आ गई है। कंप्यूटर का उपयोग एटीएम और ऑनलाइन बैंकिंग, चेक के भुगतान, रुपये की गिनती और पासबुक प्रविष्टि के लिए किया जा रहा है।

6. औषधि –
शरीर के अंदर की बीमारियों का पता लगाने, विश्लेषण और निदान करने में कंप्यूटर का व्यापक उपयोग किया जा रहा है।

कंप्यूटर का उपयोग सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और विभिन्न परीक्षणों में किया जा रहा है।

7. रक्षा
कंप्यूटर का उपयोग रक्षा अनुसंधान, विमान नियंत्रण, मिसाइल, रडार आदि में किया जा रहा है।

8. संचार –
कंप्यूटर के उपयोग के बिना वर्तमान संचार प्रणाली संभव नहीं है। टेलीफोन और इंटरनेट ने संचार क्रांति को जन्म दिया है।
9. मनोरंजन
सिनेमा, टेलीविजन कार्यक्रमों, वीडियो गेम्स में कम्प्यूटरों के प्रयोग से प्रभावशाली मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है।

इनके अलावा कंप्यूटर का उपयोग शिक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, उद्योग और व्यापार, प्रकाशन, डिजिटल पुस्तकालय आदि में भी किया जाता है।

कम्प्यूटर के प्रयोग से समय की बचत, त्रुटि रहित कार्य, कार्य की गुणवत्ता, कागज की बचत की जा सकती है।
लेकिन बढ़ती बेरोजगारी इसका नकारात्मक प्रभाव है। क्योंकि कंप्यूटर से सैकड़ों लोगों का काम हो सकता है, जिससे लोगों की आजीविका प्रभावित होती है।

कम्‍प्‍यूटर के बेसिक उपयोग

कंप्यूटर का प्रयोग कहाँ किया जाता है? देखा जाए तो हम अपने जीवन में हर जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल करते आए हैं और करते रहेंगे। यह हमारा एक हिस्सा बन गया है। मैंने आपकी जानकारी के लिए इसके कुछ उपयोग नीचे लिखे हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग: शिक्षा में इनका सबसे बड़ा हाथ है, अगर किसी छात्र को किसी चीज के बारे में जानकारी चाहिए तो उसकी मदद से उसे कुछ ही मिनटों में यह जानकारी उपलब्ध हो जाती है। शोध से पता चला है कि कंप्यूटर की मदद से किसी भी छात्र के सीखने के प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आजकल ऑनलाइन क्लासेज की मदद से घर बैठे पढ़ाई की जा सकती है।

आरोग्य एवं चिकित्सा : आरोग्य एवं औषधि के लिए वरदान है। इसकी मदद से आजकल मरीजों का इलाज बड़ी आसानी से हो जाता है। आजकल सब कुछ डिजिटल हो गया है जिससे बीमारी के बारे में पता करना बहुत आसान हो गया है और उसी के अनुसार इसका इलाज भी संभव है। इससे ऑपरेशन भी आसान हो गए हैं।

विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग : यह विज्ञान की ही देन है। इससे शोध करना बहुत आसान हो जाता है। आजकल एक नया चलन चल रहा है जिसे कोलैबोरेटरी भी कहा जाता है, ताकि दुनिया के सारे वैज्ञानिक मिलकर काम कर सकें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस देश से हैं।

व्यवसाय: उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए व्यवसाय में इसका बहुत बड़ा हाथ है। यह मुख्य रूप से मार्केटिंग, रिटेलिंग, बैंकिंग, स्टॉक ट्रेडिंग में उपयोग किया जाता है। क्यूंकि यहाँ पर सब कुछ डिजिटल है इसलिए इसकी प्रोसेसिंग बहुत तेज हो गयी है. और आजकल Cashless Transaction को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है.

Recreation and Entertainment: मनोरंजन के लिए यह एक नया ठिकाना बन गया है, बात करें मूवीज, स्पोर्ट्स या रेस्टोरेंट जैसी कोई भी चीज की, इनका इस्तेमाल हर जगह होता है।

सरकार: आजकल तो सरकार भी इनके इस्तेमाल पर ज्यादा फोकस दे रही है. बात अगर ट्रैफिक, टूरिज्म, इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग, एजुकेशन, एविएशन की करें तो हर जगह इनका इस्तेमाल करने से हमारा काम बहुत आसान हो गया है।

डिफेंस : सेना में भी इनका इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ गया है। जिसकी मदद से हमारी सेना अब और ताकतवर हो गई है। क्यूंकि आजकल हर चीज़ को कंप्यूटर की मदद से control किया जाता है.

कई जगह ऐसी होती हैं जहां हम अपनी जरूरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल करते हैं।

  • कम्‍प्‍यूटर के अवयव (Components of computer)
  • सीपीयू
  • कीबोर्ड माउस और वीडीयू
  • अन्‍य इनपुट उपकरण
  • कम्‍प्‍यूटर मेमोरी

CPU

एक सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू), या प्रोसेसर, एक कंप्यूटर की इकाई है जो इसके अंदर अधिकांश डेटा और कमांड प्रोसेसिंग करता है। सीपीयू एक कंप्यूटर का “मस्तिष्क” है, जिसमें इनपुट को प्रोसेस करने, डेटा स्टोर करने और आउटपुट परिणामों के लिए आवश्यक सभी सर्किटरी शामिल हैं।

Computer: Registers Memory - TAE

cpu

Lear More About CPU

हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की अवधारणा (Concept of Hardware & Software)

हार्डवेयर

कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है ?
कंप्यूटर हार्डवेयर शब्द कंप्यूटर सिस्टम के भौतिक घटकों को संदर्भित करता है। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें आप छू सकते हैं और देख सकते हैं।

कंप्यूटर हार्डवेयर शब्द का उपयोग अक्सर कंप्यूटर के पुर्जों के साथ परस्पर विनिमय के लिए किया जाता है, लेकिन वे एक ही चीज नहीं हैं। कंप्यूटर के पुर्जे अलग-अलग टुकड़ों को संदर्भित करते हैं जो एक पूर्ण प्रणाली बनाते हैं। उदाहरण के लिए, सीपीयू कंप्यूटर का हिस्सा है लेकिन इसे हार्डवेयर नहीं माना जाता है क्योंकि इसे अन्य घटकों की तरह छुआ या देखा नहीं जा सकता है।

कंप्यूटर हार्डवेयर वे सभी डिवाइस हैं जो कंप्यूटर का एक भौतिक हिस्सा हैं।

  1. प्रोसेसर (Processor)
  2. मदरबोर्ड (Motherboard)
  3. रैम (RAM)
  4. स्टोरेज डिवाइस (Storage Device)
  5. पावर सप्लाई (Power Supply)
  6. ग्राफिक्स कार्ड (Graphics Card)
  7. मॉनिटर (Monitor)
  8. कीबोर्ड (Keyboard)
  9. माउस (Mouse)
  10. प्रिंटर (Printer)

computer hardware part

सॉफ्टवेयर

सॉफ्टवेयर (Software) कंप्यूटर प्रोग्रामों और उनके तत्वों को कहते हैं जो कंप्यूटर को निर्देशित करते हैं कि वह क्या करना है। ये हो सकते हैं एक या एक से अधिक प्रोग्राम, जो आमतौर पर अपने आप से या अन्य ऐप्लिकेशनों द्वारा इंटरक्ट करते हैं।

“Computer software is a set of programs”  कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का एक समूह है

Types of Software in Hindi 

1- Application Software (एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर)

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जिसे यूजर के विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए विकसित किया जाता है।

दुसरे शब्दो में कहे तो “एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे end user के लिए बनाया गया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से एन्ड यूजर विशेष प्रकार के कार्यो को पूरा कर सकता है।” eg. Notepad, Wordpad, Browser, Paint MS Office, Tally, Photoshop etc.

Application software | Types of Computer Application Software

2- System Software (सिस्टम सॉफ्टवेयर)

सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर को नियंत्रित  करता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है। इसकी मदद से कंप्यूटर स्टार्ट होता है। इसके बिना कंप्यूटर स्टार्ट भी नहीं हो सकता।

Example :

Windows(Windows xp, Windows 7/8/10/10) , Linux(Ubantu, RedHad, Fedora), Unix, Mac, Android

10 Examples of System Software And Application Software

2 Main Types of Software with Examples - TutorialsMate

Utility Software (यूटिलिटी सॉफ्टवेयर)

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर एक प्रकार का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है जिसका काम कंप्यूटर हार्डवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को organize (व्यवस्थित) करना होता है।

utility software in hindi

Some other type software and Details

सॉफ्टवेयर (Software) कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें हम यहाँ हिंदी में बताएंगे:

  1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) – जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, ड्राइवर, फर्मवेयर, बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर, ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर आदि।
  2. अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (Application Software) – जैसे वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट, डेटाबेस, गेम सॉफ्टवेयर, ऑडियो-वीडियो सॉफ्टवेयर, विंडोज एप्लिकेशन आदि।
  3. मशीन कोड (Machine Code) – इसमें दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर के भाषा में लिखा जाता है।
  4. मशीन के साथ लेबल (Machine Language with Labels) – इसमें निर्देशों को लेबल द्वारा पहचाने जाते हैं ताकि उन्हें आसानी से समझा जा सके।
  5. एसेम्बलर (Assembler) – इसमें मशीन कोड को समझने वाली भाषा में लिखा जाता है जो कंप्यूटर के भाषा से कुछ कम परछता होता है।
  6. कंपाइलर (Compiler) – इसमें हाई-लेवल भाषा को मशीन कोड में रूपांतरित किया जाता है।
  7. इंटरप्रिटर (Interpreter) – इसमें हाई-लेवल भाषा को मशीन कोड में रूपांतरित किया नहींजाता है बल्कि उसे सीधे कंप्यूटर के द्वारा चलाया जाता है।
  8. इंटरनेट सॉफ्टवेयर (Internet Software) – जैसे ब्राउज़र, ईमेल क्लाइंट, फ़ाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP), इंटरनेट गेटवे, डीएनएस (DNS) सर्वर आदि।
  9. एडवांस सॉफ्टवेयर (Advanced Software) – जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, वर्चुअल रियलिटी (VR), और अगली पीढ़ी के फ़ायरवॉल, ऑप्टिकल न्यूरल नेटवर्क (ONN) आदि।
  10. ड्राइवर (Driver)
  11. फर्मवेयर (Firmware)
  12. बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर (Biometric Software)
  13. ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर (Graphics Software)
  14. वायरस स्कैनर (Antivirus Software)
  15. डेटाबेस सॉफ्टवेयर (Database Software)
  16. ऑडियो-वीडियो सॉफ्टवेयर (Audio-Video Software)
  17. गेम सॉफ्टवेयर (Gaming Software)

ये सॉफ्टवेयर की विभिन्न श्रेणियां हैं, जो आपको कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और उससे संबंधित अन्य कामों में उपयोग में आती हैं।

ओपन सोर्स & प्रोप्रिएटरी सॉफ्टवेयर

ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (Open Source Software) एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जिसका स्रोत कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होता है। इसका अर्थ है कि उस सॉफ्टवेयर के स्रोत कोड में बदलाव करने और इसे अपने उद्देश्यों के अनुसार उपयोग करने की अनुमति होती है। ऑपन सोर्स सॉफ्टवेयर का उदाहरण लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके साथ-साथ आपको उन सॉफ्टवेयरों के उदाहरण भी मिलेंगे जो आपको ऑनलाइन मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं, उन्हें संशोधित कर सकते हैं और उन्हें फिर से उपयोग कर सकते हैं।

प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर (Proprietary Software) उन सॉफ्टवेयर को कहा जाता है जिनका स्रोत कोड कंपनी द्वारा संभाला जाता है और जिसका उपयोग उनके द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार करना होता है। प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर के उदाहरण में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम, एडोब फ़ोटोशॉप आदि शामिल हैं।

इन दोनों प्रकार के सॉफ्टवेयरों के अलवा उनके अंतर में बहुत सारे अंतर होते हैं। अधिकांश ऑपन सोर्स सॉफ्टवेयर निःशुल्क होते हैं जबकि प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर को खरीदने के लिए पैसे देने होते हैं। अधिकांश ऑपन सोर्स सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं द्वारा संशोधित या विकसित होते हैं जबकि प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर को केवल उनके निर्माताओं या उनकी संस्थाओं द्वारा संशोधित और विकसित किया जा सकता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण अंतर है कि ऑपन सोर्स सॉफ्टवेयर स्वतंत्र होते हैं जबकि प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर के उपयोगकर्ताओं को उनके निर्माताओं की अनुमति के अलावा किसी भी अन्य उपयोगकर्ता द्वारा संशोधित या प्रयोग करने की अनुमति नहीं होती।

ऑपन सोर्स सॉफ्टवेयर की एक और विशेषता है कि इसके स्रोत कोड का उपयोग करके दूसरे उपयोगकर्ताओं द्वारा उनके आवश्यकताओं के अनुसार उनमें संशोधन किया जा सकता है और इसे फिर से जारी किया जा सकता है।

अंत में, ऑपन सोर्स सॉफ्टवेयर और प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर दोनों ही उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं और दोनों के अंतर इस बात पर निर्भर करता है कि किस उपयोगकर्ता को कौन सा सॉफ्टवेयर अधिक उपयुक्त लगता है। एक उपयोगकर्ता जो सॉफ्टवेयर बनाने में रुचि रखता है, अपने उत्पाद के लिए प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकता है। दूसरी ओर, ऑपन सोर्स सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ होता है जो सॉफ्टवेयर विकसित या संशोधित करने में रुचि रखते हैं।

अंततः सॉफ्टवेयर का चयन उपयोगकर्ताओं के आवश्यकताओं, उनके उद्देश्यों, बजट और उनके रुचि के आधार पर किया जाना चाहिए। इसके लिए उपयोगकर्ताओं को बेहतर समझना चाहिए कि कौन सा सॉफ्टवेयर उनके लिए सबसे उपयुक्त हो सकता है।

प्रोग्रामिंग भाषाएं

प्रोग्रामिंग भाषाएं उन भाषाओं को कहते हैं जो कंप्यूटर को निर्देश देने और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को लिखने के लिए उपयोग की जाती हैं। इनमें कुछ लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषाएं निम्नलिखित हैं:

  1. C: C एक मशीन भाषा के समीकरण है जो कंप्यूटर की संरचना से संबंधित है। यह भाषा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम, ड्राइवर और गेम डेवलपमेंट के लिए बहुत उपयोगी होती है।
  2. C++: C++ C का एक विस्तृत संस्करण है जिसमें ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग की भावना होती है। यह भाषा ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए बहुत उपयोगी होती है।
  3. Java: Java सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए एक उत्कृष्ट प्रोग्रामिंग भाषा है। यह भाषा क्रॉस-प्लेटफॉर्म सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए बहुत उपयोगी होती है।
  4. Python: Python एक उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा है जो डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, वेब डेवलपमेंट और ऑटोमेशन के लिए उपयोग की जाती है। यह एक सरल और आसान समझने वाली भाषा है जो शुरुआती स्तर पर भी उपयोगी होती है।
  5. JavaScript: JavaScript वेब डेवलपमेंट के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्रोग्रामिंग भाषा है। इसे वेब पेजों के लिए इंटरएक्टिव एलिमेंट्स जैसे कि बटन, फ़ॉर्म, विंडो इत्यादि तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  6. PHP: PHP वेब डेवलपमेंट के लिए एक उपयोगी प्रोग्रामिंग भाषा है। इसे वेब साइट्स की डाइनामिक तरीके से तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  7. Swift: Swift एप्पल कंपनी द्वारा विकसित की गई एक प्रोग्रामिंग भाषा है जो आईओएस और मैकओएस एप्लिकेशन डेवलपमेंट के लिए उपयोग की जाती है।
  8. Kotlin: Kotlin एक एंड्रॉइड मोबाइल एप्प डेवलपमेंट के लिए विकसित की गई प्रोग्रामिंग भाषा है। यह जावा को समर्थन करता है लेकिन इससे भी आसान है जो इसे उपयोग में लाने के लिए बनाता है।
  9. R: R एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा है। यह डेटा साइंटिस्ट और एनालिस्ट्स के बीच बहुत लोकप्रिय है।
  10. SQL: SQL या Structured Query Language डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) के लिए एक स्टैंडर्ड भाषा है। यह डेटा को आसानी से प्रबंधित करने के लिए उपयोग की जाती है।
  11. Ruby: Ruby एक ओपन सोर्स प्रोग्रामिंग भाषा है जो वेब डेवलपमेंट के लिए उपयोग की जाती है। यह एक सरल और सुविधाजनक सिंटेक्स वाली भाषा है जो फ्रेमवर्क्स जैसे Ruby on Rails के साथ उपयोग की जा सकती है।
  12. C#: C# एक माइक्रोसॉफ्ट डेवलपमेंट प्लेटफ़ॉर्म के लिए विकसित की गई प्रोग्रामिंग भाषा है। यह विंडोज एप्लिकेशन, गेम डेवलपमेंट, वेब एप्लिकेशन और मोबाइल एप्लिकेशन बनाने के लिए उपयोग की जाती है।

ये कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती हैं। आप अपने उद्देश्यों और रुची के हिसाब से किसी भी भाषा का चयन कर सकते हैं। प्रोग्रामिंग भाषाओं की इन सूचियों में अन्य भाषाएं भी शामिल हैं, जैसे Swift, Kotlin, Lua, Pascal, Perl और बहुत से अन्य। आप अपने उद्देश्यों और आवश्यकताओं के आधार पर किसी भी भाषा का चयन कर सकते हैं।

डाटा/सूचना को दर्शाना

डेटा या सूचना को कंप्यूटर विज्ञान में तब उस जानकारी का नाम दिया जाता है जो किसी कंप्यूटर या डिजिटल मशीन द्वारा संग्रहित की जाती है। डेटा संरचित और असंरचित दोनों हो सकता है। डेटा संग्रह करने और उपयोग करने के लिए, इसे संरचित किया जाता है जिसमें डेटा मॉडलिंग, डेटा बेस, डेटा साइंटिस्ट, डेटा एनालिस्ट जैसे टैक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है।

डेटा कंप्यूटर पर संग्रहित किया जा सकता है जैसे डेटाबेस, स्प्रेडशीट, टेक्स्ट फ़ाइल, ऑडियो फ़ाइल, वीडियो फ़ाइल और तस्वीरें आदि। इसके अलावा, डेटा को विभिन्न प्रकार की फाइल फ़ॉर्मेट में संग्रहित किया जा सकता है जैसे CSV, XML, JSON, और अन्य फाइल फ़ॉर्मेट

डाटा प्रोसेसिंग की अवधारणा

डेटा प्रोसेसिंग एक प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न विधियों का उपयोग करके डेटा को संग्रहित, संरचित, विश्लेषित, उपयोग किया जाता है। यह डेटा वैश्विक उपयोग के लिए उपलब्ध होने वाली सभी फ़ाइल और जानकारी को संगठित करता है।

डेटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया इन चरणों से गुजरती हैं:

  1. डेटा संग्रहित करना – डेटा को एकत्र करने की प्रक्रिया को संग्रहित करना कहा जाता है। इसमें डेटा को एक स्थान पर जमा करना शामिल होता है, जहां से उसे आगे विश्लेषित किया जा सकता है।
  2. डेटा संरचित करना – डेटा को संरचित करने की प्रक्रिया को संरचित करना कहा जाता है। इसमें डेटा को सही तरीके से संरचित किया जाता है ताकि उसे आसानी से विश्लेषित किया जा सके।
  3. डेटा का विश्लेषण – डेटा को विश्लेषित करने के लिए विभिन्न विधियों का उपयोग किया जाता है जैसे कि आँकड़ों का विश्लेषण, तत्वों का विश्लेषण और अन्य।
  4. डेटा के उपयोग – डेटा का उपयोग करने के लिए उसे पहचाना, धारण करना और समझना महत्वपूर्ण होता है। डेटा प्रोसेसिंग की मुख्य उपयोगिता विभिन्न क्षेत्रों में होती है जैसे कि वित्त, विज्ञान, मानव संसाधन, मार्केटिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य।डेटा प्रोसेसिंग में विभिन्न उपकरण और तकनीकों का उपयोग किया जाता है। ये उपकरण और तकनीक डेटा संग्रहित करने, उसे संरचित करने, विश्लेषण करने, और उसे उपयोग करने में मदद करते हैं।कुछ डेटा प्रोसेसिंग उपकरण निम्नलिखित हैं:
    1. स्प्रेडशीट – एक स्प्रेडशीट, जैसे कि Microsoft Excel, डेटा संग्रहित करने और उसे संरचित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें डेटा का विश्लेषण भी किया जा सकता है।
    2. डेटाबेस – एक डेटाबेस डेटा संग्रहित करने, संरचित करने, और उसे विश्लेषण करने के लिए उपयोग किया जाता है। डेटाबेस को संचालित करने के लिए SQL, MySQL, Oracle जैसी डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) का उपयोग किया जाता है।
    3. बिज़नेस इंटेलिजेंस (BI) – यह डेटा प्रोसेसिंग की एक विशेष तकनीक है जो कंपनी के स्तर पर डेटा का विश्लेषण करती है। इसमें विभिन्न उपकरण और तकनीकों का उपयोग किया जाता है जो कंपनी को उसके विभिन्न क्षेत्रों में संचालन विवेचना में मदद करते हैं। यह उन डेटा सेट्स को उपयोग करता है जो विभिन्न स्रोतों से आते हैं जैसे कि विक्रय, वित्त, संसाधन विकास आदि। BI डेटा विश्लेषण के लिए विभिन्न उपकरण और तकनीकों का उपयोग करता है जैसे कि डेटा माइनिंग, डेटा विजुअलाइजेशन, और रिपोर्टिंग आदि।
    4. डेटा माइनिंग (Data Mining) – डेटा माइनिंग एक तकनीक है जो बड़े डेटा सेट्स से गुप्त संबंध और पैटर्न खोजने के लिए उपयोग की जाती है। इसमें विभिन्न विश्लेषण तकनीकों जैसे कि मशीन लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क आदि का उपयोग किया जाता है। डेटा माइनिंग कंपनियों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण तकनीक है
    5. डेटा विजुअलाइजेशन (Data Visualization) – डेटा विजुअलाइजेशन एक तकनीक है जो बड़े डेटा सेट्स के विश्लेषण को समझने में मदद करती है। इसमें डेटा सेट्स को चार्ट, ग्राफ, मैप आदि के माध्यम से दर्शाने का उपयोग किया जाता है। डेटा विजुअलाइजेशन के उपयोग से उपयोगकर्ता से विवरण या संख्याएं समझाना बहुत आसान हो जाता है। डेटा विजुअलाइजेशन टूल में टेबलू, पावर बीआई, गूगल चार्ट, टूलटिप्स आदि शामिल हैं।डेटा संग्रह (Data Collection) – डेटा संग्रह एक प्रक्रिया है जिसमें डेटा का संग्रह किया जाता है। यह संग्रह अनुकूलन, संचय, अंकीकरण और विश्लेषण से पहले होता है। डेटा संग्रह के लिए विभिन्न तकनीकों जैसे कि सीधे उपयोगकर्ता से फॉर्म भरणा, सर्वेक्षण आदि का उपयोग किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो व्यवसायों को उनके उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानने में मदद करती है।

मल्टिमीडिया और मनोरंजन

मल्टिमीडिया (Multimedia) – मल्टिमीडिया एक तकनीक है जो विभिन्न ध्वनि, छवि, वीडियो, गतिशील चित्र, इंटरएक्टिव संग्रह आदि का उपयोग करती है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करना है जो उन्हें उत्पादों और सेवाओं के बारे में अधिक जानने में मदद करता है। इसमें संचार के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाता है जैसे वेब, स्मार्टफोन आदि।

मनोरंजन (Entertainment) – मनोरंजन का मतलब होता है एक व्यक्ति को खुश करने या मनोरंजन करने के लिए कुछ भी करना। आजकल, लोग विभिन्न मनोरंजन के स्रोतों का उपयोग करते हुए जीवन का आनंद लेते हैं। विभिन्न मनोरंजन स्रोतों में फिल्में, टीवी शो, वीडियो गेम्स, म्यूजिक, लाइव स्ट्रीमिंग, स्पोर्ट्स आदि शामिल होते हैं। ये सभी स्रोत एक व्यक्ति को खुश रखने या उसे मनोरंजन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

Some Most Important Question in Computer

कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो डेटा और जानकारी को संग्रहित करता है, संसाधित करता है, विश्लेषण करता है, उसे दिखाता है और जवाब देता है।

कंप्यूटर के कुछ प्रकार क्या हैं?

कंप्यूटर के कुछ प्रकार हैं – पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, सर्वर, मुद्रक, टैबलेट, स्मार्टफोन आदि।

कंप्यूटर का उपयोग किसलिए किया जाता है?

कंप्यूटर का उपयोग डेटा संग्रह, जानकारी संसाधन, संचार और मनोरंजन के लिए किया जाता है।

सॉफ्टवेयर क्या होता है?

सॉफ्टवेयर एक प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर के विभिन्न कार्यों को करने में मदद करता है। यह कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ संगत होता है।

हार्डवेयर क्या होता है?

हार्डवेयर एक कंप्यूटर सिस्टम का भौतिक भाग होता है। इसमें कंप्यूटर की सभी फिजिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं जो डेटा को संग्रहित करते हैं, संसाधित करते हैं और उसे प्रोसेस करते हैं। हार्डवेयर के उदाहरण हैं – प्रोसेसर, मदरबोर्ड, रैम, हार्ड ड्राइव, सीडी ड्राइव, डीवीडी ड्राइव, माउस, कुंजीपटल, मॉनिटर, स्पीकर, आदि।

इंटरनेट क्या है?

इंटरनेट एक विश्व स्तरीय संचार नेटवर्क है जो विभिन्न कंप्यूटरों, सर्वरों और डिवाइसों को जोड़ता है। यह दुनिया भर में जोड़े हुए कंप्यूटरों के माध्यम से जानकारी को संचालित करता है।

वायरल मार्केटिंग क्या होता है?

वायरल मार्केटिंग एक ऐसी मार्केटिंग तकनीक है जिसमें विज्ञापन, संदेश या अन्य सामग्री को लोगों के बीच सबसे आसानी से फैलाया जाता है। यह सामग्री ज्यादातर सोशल मीडिया और ईमेल के माध्यम से वायरल होती है।

इंटरनेट का उपयोग करने के लिए क्या जरूरी होता है?

इंटरनेट का उपयोग करने के लिए एक कंप्यूटर या डिवाइस, एक इंटरनेट कनेक्शन और एक वेब ब्राउज़र की आवश्यकता होती है।

कंप्यूटर में आप कुछ फाइल को कैसे खोल सकते हैं?

फाइल को खोलने के लिए आपको उस फाइल को डबल-क्लिक करना होगा या फिर उस फाइल को सहेजने वाले सॉफ्टवेयर को खोलना होगा। उदाहरण के लिए, आप वर्ड फाइल को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड सॉफ्टवेयर में खोल सकते हैं और एक्सेल फाइल को माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल सॉफ्टवेयर में खोल सकते हैं।

वायरस क्या होता है?

वायरस एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो आपके कंप्यूटर सिस्टम में आक्रमण करता है और आपकी जानकारी को चुराने की कोशिश करता है। वायरस साधारणतया इंटरनेट से डाउनलोड किए गए फ़ाइलों और ईमेल अनुलग्नकों के माध्यम से फैलता है। एक अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के उपयोग से आप अपने कंप्यूटर सिस्टम को वायरस से सुरक्षित रख सकते हैं।

CCC Syllabus | GUI पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्‍टम का परिचय
  1. Module 2
  • परिचय (Introduction)
  • ऑपरेटिंग सिस्‍टम का बेसिक
  • लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्‍टम की बेसिक जानकारी
  • ऑपरेटिंग सिस्टम फॉर मोबाइल & टेबलेट्स
  • यूजर इंटरफेस फॉर डेस्कटॉप & लैपटॉप
  • टास्‍क बार
  • आइकन
  • स्‍टार्ट मेनू
  • एप्लिकेशन चलाना
  • ऑपरेटिंग सिस्‍टम की सामान्‍य सेटिंग
  • तारीख एवं समय बदलना
  • डिस्‍प्‍ले प्रोपर्टीज बदलना
  • एक विडोंज अवयव को हटाना और लगाना
  • माउस प्रोपर्टीज बदलना
  • प्रिंटर्स को जोड़ना और हटाना
  • फाईलें और डायरेक्‍टरी का प्रबंधन
  • फाईलों के प्रकार
  • टाइप्स ऑफ़ एक्सटेंशन
CCC Syllabus | वर्ड प्रोसेसिंग के तत्‍व
  1. Module 3
  • परिचय
  • वर्ड प्रो‍सेसिंग का बेसिक
  • वर्ड प्रोसेसर को शुरु करना
  • मेनू बार
  • मदद लेना
  • मेनू के नीचे मौजूद आईकन का इस्‍तेमाल करना
  • नया डॉक्यूमेंट बनाना
  • दस्‍तावेज खोलना और बंद करना
  • दस्‍तावेज खोलना
  • Save एवं Save As
  • पेज सेटप
  • प्रिंट छपने से पहले देखना
  • दस्‍तावेज छापना
  • पाठ लिखना और जोड़-तोड़ करना (Text creation & manipulation)
  • दस्‍तावेज बनाना
  • पाठ संपादन
  • पाठ सेलेक्‍ट करना
  • कट, कॉपी एवं पेस्‍ट करना
  • शब्‍द स्‍टाईल और आकार बदलना
  • पाठ कि दिशा बदलना
  • पाठ सजाना (Text Formatting)
  • पैराग्राफ हाशिया
  • बुलेट और नम्‍बरिंग
  • रुप बदलना
  • Header & Footer
  • तालिका कौशल
  • तालिका बनाना
  • एक खाना की चौड़ाई और उँचाई बदलना
  • खाने मे पाठ की दिशा
  • पंक्ति तथा कॉलम डालना/हटाना
  • बॉर्डर तथा छायांकन
  • Shortcut Keys
CCC Syllabus | स्‍प्रेडशीट
  1. Module 4
  • परिचय (Introduction)
  • इले‍क्‍ट्रॉनिक स्‍प्रेडशीट के तत्‍व
  • स्‍प्रेडशीट खोलना
  • खानों का नाम/पता
  • डाटा एंटर करना
  • पेज सेटअप
  • प्रिंटिंग ऑफ़ स्प्रेडशीट
  • वर्कबुक सेव करना
  • खानों के साथ जोड़-तोड़
  • पाठ, संख्‍या तथा तारीख लिखना
  • वर्कशीट डाटा लिखना
  • पंक्ति, कॉलम डालना एवं हटाना
  • एक खाने की चौड़ाई तथा उॅचाई बदलना
  • फंक्‍शन,सूत्र, और चार्ट
  • संख्याओं के लिए सूत्रों का उपयोग करना (जोड़, घटाव, गुणा और भाग)
  • ऑटोसम
  • फंक्शन्स (सम, गणना, MAX, MIN, AVERAGE)
  • चार्ट्स (बार, पाई, लाइन)
CCC Syllabus | प्रस्‍तुतिकरण के अनुप्रयोग
  1. Module 5
  • परिचय (Introduction)
  • बेसिक जानकारी
  • पावरपोइंट इस्‍तेमाल करना
  • एक पावर पोइंट प्रेजेटेशन खोलना
  • एक प्रेजेटेशन सेव करना
  • प्रेजेटेशन बनाना
  • टेम्‍प्‍लेट से प्रेजेटशन बनाना
  • एक नई प्रेजेंटेशन बनाना
  • पाठ लिखना और सपादन करना
  • प्रेजेंटेशन में स्‍लाइड डालना और हटाना
  • स्‍लाइड की तैयारी
  • वर्ड तालिका अथवा एक्‍सेल वर्कशीट डालना
  • क्लिप आर्ट पिक्‍चर जोड़ना
  • अन्‍य वस्‍तु डालना
  • वस्‍तु का आकार तथा माप बदलना
  • सौन्‍दर्यकरण
  • पाठ का प्रस्‍तुतिकरण बढ़ाना
  • रंग तथा लाईन शैली के साथ काम करना
  • मूवी तथा साउड जोड़ना
  • हैडर्स तथा फूटर्स जोड़ना
  • स्‍लाइडो का प्रस्‍तुतीकरण
  • एक प्रेजेटेशन देखना
  • प्रेजेटेशन के लिए सेट अप चुनना
  • स्‍लाइड को छापना
  • स्‍लाइड शो
  • स्‍लाइड शो चलाना
  • ट्राजिशन तथा स्‍लाइड टाईमिंग
  • एक स्‍वचलित स्‍लाइड शो
CCC Syllabus | इंटरनेट, WWW तथा वेब ब्राउजर का परिचय
  1. Module 6
  • परिचय (Introduction)
  • कम्‍प्‍यूटर नेटवर्कों का बेसिक
  • लोकल एरिया नेटवर्क
  • वाईड एरिया नेटवर्क
  • नेटवर्क टोपोलॉजी
  • इंटरनेट
  • इंटरनेट की अवधारणा
  • इंटरनेट सरंचना की बेसिक जानकारी
  • इंटरनेट की सेवाएं
  • वर्ड वाईब वेब तथा वेबसाईटें
  • इंटरनेट पर संप्रेषण
  • इंटरनेट के लिए कम्‍प्‍यूटर को तैयार करना
  • इंटरनेट सेवा प्रदाता
  • इंटरनेट चलाने की तकनीक
  • वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर
  • लोकप्रिय वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर
  • वेब ब्राउजर सेट करना
  • सर्च इंजन
  • लोकप्रिय सर्च इंजन
  • वेब बाउचर चलाना
  • फेवरिट फोल्‍डर का उपयोग करना
  • वेबपेज डाउनलोड करना
  • वेबपेज छापना
CCC Syllabus | ईमेल, सोशल नेटवर्किंग & इ-गवर्नन्स 
  1. Module 7
  • ईमेल की बेसिक जानकारी
  • ईमेल क्‍या है
  • ईमेल पता
  • ईमेल क्लाइंट सेट करना
  • ईमेल का उपयोग करना
  • ईमेल क्लाइंट खोलना
  • मेलबॉक्‍स, इनबॉक्‍स तथा आउटबॉक्‍स
  • ईमेल लिखना और भेजना
  • ईमेल का जवाब देना
  • ईमेल छाटना और ढूँढना
  • एडवांस ईमेल फीचर
  • ईमेल के द्वारा दस्‍तावेज भेजना
  • वर्तनी जांचक शुरु करना
  • पता पुस्‍तक का उपयोग करना
  • संलग्‍न के रूप में फाईल भेजना
  • SPAM से निपटना
  • सोशल नेटवर्किंग और ई-कॉमर्स
  • फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, इंस्टाग्राम
  • इंस्टैंट मैसेजिंग (व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर, टेलीग्राम)
  • ब्लॉग का परिचय
  • ई-कॉमर्स की मूल बातें
  • नेटिकेट्स
  • रेलवे रिजर्वेशन, पासपोर्ट, eHospital [ORS] जैसी ई-गवर्नेंस सेवाओं का अवलोकन
  • मोबाइल उपयोग पर ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुँच
  • “UMANG APP”
  • डिजिटल लॉकर
CCC Syllabus | डिजिटल सेवाओं का अनुप्रयोग
  1. Module 8
  • परिचय (Introduction)
  • बचत क्‍यो जरूरी है
  • आपातकाल
  • बडे खर्चे
  • घर पर नगदी रखने के नुकसान
  • बढ़ोत्‍तरी का नुकसान
  • उधार के लिए साख नही
  • बैकों की जरूरत क्‍यों है
  • पूजी सुरक्षा, ब्‍याज कमाना, ऋण लेना,
  • बचत की आदत डाले
  • चैक, डिमाड ड्राफ्ट से प्रेषण
  • चिट फंड, साहुकारों के जोखिम से बचे।
  • बैकिंग उत्‍पाद
  • खाता और जमा का प्रकार
  • ऋण तथा ओवरड्राफ्ट के प्रकार
  • चैक तथा डिमाड ड्राफ्ट भरना
  • बैक खाता खोलने के लिए आवश्‍यक दस्‍तावेज
  • अपना ग्राहक जाने
  • फोटो आईडी प्रूफ, निवास प्रूफ
  • भारतीय मुद्रा
  • बैंकिग सेवा वितरण चैनल – भाग एक
  • बैक शाखा, एटीएम
  • बैंक मित्र
  • पोइट ऑफ सेल्‍स
  • बैंकिग सेवा वितरण चैनल – भाग दो
  • इंटरनेट बैंकिग
  • एनईएफटी, आरटीजीएस
  • बीमा
  • बीमा की जरूरत
  • जीवन बीमा तथा साधारण बीमा
  • विभिन्‍न योजनाएं
  • प्रधानमंत्री जन-धन योजना
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाएं
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
  • प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना
  • अटल पेंशन योजना
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
  • राष्‍ट्रीय पेंशन योजना
  • लो‍क भविष्‍य निधि योजना
  • आपके मोबाइल में बैंक
  • मोबाइल बैंकिग
  • मोबाइल वालेट्स
  • ओटीपी को समझना [वन टाइम पासवर्ड] और क्यूआर [क्विक रिस्पांस] कोड
  • UPI [एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस]
  • AEPS [आधार सक्षम भुगतान प्रणाली]
  • यूएसएसडी [अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा]
  • कार्ड [क्रेडिट / डेबिट]
  • eWallet
  • PoS [Point Of Sale]
CCC Syllabus |Futureskills और साइबर सुरक्षा का अवलोकन
  1. Module 9
  • परिचय (Introduction)
  • इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स [IOT]
  • बिग डेटा एनालिटिक्स
  • क्लाउड कंप्यूटिंग
  • आभासी वास्तविकता
  • Artificial Intelligence
  • सामाजिक और मोबाइल
  • ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
  • 3 डी प्रिंटिंग / Additive विनिर्माण
  • रोबोटिक्स प्रक्रिया स्वचालन
  • साइबर सुरक्षा
  • साइबर सुरक्षा की आवश्यकता
  • सुरक्षित पीसी
  • स्मार्ट फोन सुरक्षित करना
  1. CCC Online Test
  2. अगर आप ट्रिपल सी कोर्स की तैयारी कर रहे हैं तो आप के लिए हमारी वेबसाइट पर ट्रिपल सी कोर्स की नोट्स और बुक फ्री में उपलब्ध है आप उसे डाउनलोड कर अपने मोबाइल पर पढ़ सकते हैं अगर आप ऑनलाइन टेस्ट देना चाहते हैं हमारी वेबसाइट पर लगभग 5000 क्वेश्चन का संग्रह उपलब्ध है आप एक-एक करके टेस्ट दीजिए अगर आप ट्रिपल सी से संबंधित कोई भी जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में आप अपना मैसेज अथवा सुझाव दे सकते हैं
  3. CCC Online test Series
  4. CCC Notes
  5. What is O Level Course
  6. O Level Notes and Bhttps://r-iti.com/o-level-notes-in-hindi-pdf-o-level-books-hindi-notes/ooks
  7. Get free Online Certificate Ms-Office Course