करवा चौथ का व्रत हिंदुओं में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन महिलाएं दुल्हन की तरह सज कर शिव परिवार और करवा माता की पूजा करती हैं और अपने पति के लंबी उम्र और अच्छे भाग की कामना करती हैं
Sargi (सरगी) सरगी क्यो दिया जाता है? करवा चौथ में सास अपनी बहू को सरगी देती है इसमें मिठाईयां वस्त्र फल आदि शामिल होते हैं
करवा चौथ के दिन सुहागिनी सूर्योदय से पहले उठकर सबसे पहले बड़ों का आशीर्वाद लेती है फिर सरगी ग्रहण करते हैं इसके बाद उनका निर्जला का व्रत शुरू हो जाता है
सोलह श्रृंगार -सोलह श्रृंगार का करवा चौथ में क्या महत्व है करवा चौथ त्यौहार महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है और अगर शादी का पहला करवा चौथ हो तो यह बेहद खास हो जाता है
इसमें सौभाग्य में वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है करवा चौथ मेहंदी का बहुत महत्व है करवा चौथ के दिन खास में तरह की मेहंदी लगाई जानी चाहिए
इस व्रत में महिलाएं 16 तरह का मेकप का सामान पूजा में मां पार्वती को सिंगार के रूप में चढ़ाती हैं इसीलिए इसे सोलह सिंगार व्रत भी कहा जाता है
रंग- लाल रंग को प्रेम का प्रतीक माना जाता है साथ ही पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व है। करवा चौथ के दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
जो महिलाएं पहली बार व्रत कर रही हैं, वे इस दिन लाल रंग की पोशाक या लाल रंग की साड़ी पहनेंगी तो शुभ रहेगा। सफेद, भूरा और काला रंग गलती से भी न पहनें।
उपहार- सुहागिन महिलाएं मायके से आती हैं। करवा चौथ के दिन बहू को मिठाई और उपहार भेजने की परंपरा है। शाम को करवा चौथ की पूजा शुरू होने से पहले बेटी को उसके मायके से ससुराल लाया जाना चाहिए।
व्रत कैसे खोलें-करवा चौथ पर शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा करें और कथा जरूर सुनें. कहते हैं कथा के बिना करवा चौथ का व्रत पूर्ण नहीं माना जाता.
चांद निकलने के बाद चंद्रमा को करवा से अर्घ्य दें और पति के हाथों पानी पीकर ही व्रत का पारण करें. इसके बाद सबसे पहले पूजा का प्रसाद खाएं और फिर भोजन किया जाता है.
करवा चौथ के व्रत में मेहंदी का बहुत बड़ा स्थान है इस व्रत में महिलाएं मेहंदी की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू कर देती है करवा चौथ के व्रत में महिलाओं को कुछ खास तरह का मेहंदी लगाना चाहिए